Language : Marathi
                                        श्री गजानन महाराज श्री विष्णुसाओजी अनेक वेळा गेले होते आणि किमान चार
                                        वेळा नोंदले गेले आहेत.
                                        • शके 1825, जेष्ट कृष्णा 5, 11 जून (गुरुवार) ते 21 जून 1903 (योगिनी
                                        एकदशी कार्यक्रम)
                                        • शके 1825 श्रावण कृष्ण 5, 13 ऑगस्ट (गुरुवार) 1903
                                        • शके 1827 आषाढ़ कृष्णा 8, 13 जुलै 1905 एका आठवड्यासाठी
                                        • शके 1828, 1907- नाशिकच्या दिशेने जाताना भास्कर पाटील यांना घेऊन
                                        गेले. परत येत असताना महाराज विष्णुसाओजी यांच्या निवासस्थानी गेले.
                                        विष्णुसाओजी यांना मराठवाड्याचे न्हावा संत श्रीरंग महाराजांचा
                                        आशीर्वाद होतं. एकदा दोन्ही संतांना श्री. विष्णुसाओजी घरी बोलावले
                                        गेले आणि एकत्र पूजा झाली. श्रीरंग महाराज घराबाहेरच्या एका छावणीत
                                        थांबले होते तर श्री गजान महाराज घरातच होते. पूजेच्या दुसर्या दिवशी
                                        श्रीरंग महाराज विष्णुसाओजी घरी भेट देऊन श्रीगजानन महाराजांना
                                        पुष्पहार अर्पण करुन भेटले.
                                        श्री. विष्णूसाजी यांचे 10 मे 1912 रोजी देवळाली येथे निधन
                                        झाले.त्याला 'सेप्टिक गागारीन' झाला होता आणि ऑपरेशन ही केले होते.
                                        
                                    
                                    
                                        Language : Hindi
                                        श्री गजानन महाराज कई बार श्री विष्णु साओजी के घर गाये थे, और कम से कम चार बार
                                        अधिकृत नोंद हैं।
                                        • शके १८२५, जेष्ट कृष्णा ५, ११ जून (गुरुवार) से २१ जून १९०३ (योगिनी एकदशी
                                        कार्यक्रम) 
                                        • शके १८२५ श्रावण कृष्ण ५, १३ ऑगस्ट (गुरुवार) १९०३ 
                                        • शके १८२७ आषाढ़ कृष्णा ८, १३ जुलै १९०५ एका हफ्ते के लिये 
                                        • शके १८२८, १९०७- नासिक की ओर जाते समय भास्कर पाटिल को साथ ले गए। लौटते समय,
                                        महाराज विष्णु साओजी के निवास पर गए। विष्णु साओजी को मराठवाड़ा के न्हावा संत
                                        श्रीरंग महाराज का भी आशीर्वाद प्राप्त था। एक बार दोनों संतों को श्री साओजी के घर
                                        आमंत्रित किया गया और एकत्र पूजा की गई। श्रीरंग महाराज घर से बाहर एक शिविर में
                                        रहे, जबकि श्री गजानन महाराज साओजी के घर पर ही रहे। पूजा के अगले दिन, श्रीरंग
                                        महाराज, साओजी के घर एक पुष्पमाला लेकर गए, जो उन्होंने श्री गजानन महाराज को
                                        दी।
                                        श्री विष्णू साओजी का देवलाली में १० मे १९१२ को निधन हो गया। उन्हे 'सेप्टिक
                                        गागारीन' हुआ था और ऑपरेशन भी किया था।
                                        
                                    
                                    
                                        Language : English
                                        Shri Gajanan Maharaj is known to have visited Sri Vishnusa Saoji many times, and
                                        is recorded at least four times.
                                        • Shake 1825, Jeshta Krushna5, 11th June (Thursday) to 21st June 1903 (Yogini
                                        ekadashi program)
                                        • Shake 1825 Shravan Krushna 5, 13th Aug (Thursday) 1903
                                        • Shake 1827 Ashad Krushna 8, 13 July 1905 for a week's time
                                        • Shake 1828, 1907- took Bhaskar Patil along while going towards Nashik. While
                                        returning, Maharaj went to residence of Vishnu Saoji. He was also blessed by
                                        Marathwada's Nhava Saint Shrirang Maharaj. Once both saints were invited to Mr
                                        Saoji's home and pooja was performed.Srirang Maharaj stayed at a camp outside
                                        the house while Shri Gajana Maharaj stayed in Soiji's house. Next day of the
                                        Pooja, Srirang Maharaj visited Saoji's house with a garland which he offered to
                                        Shri Gajanan Maharaj.
                                        Vishnusa Saoji passed away on 10th May 1912 at Devlali. He was operated for
                                        septic infection